Prayagraj News भाप इंजन को मिली संजीवनी अंधेरे होते हैं इंजन को स्टार्ट तकरीबन 70 वर्ष से पुरानी इस इंजन से आने वाली छूट की आवाज जहां यात्रियों को अपने आकर्षित कर रही है वही लोग इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके इस इंजन के साथ खूब सेल्फी भी ले रहे हैं।
Prayagraj News भाप इंजन को मिली संजीवनी प्रयागराज
प्रयागराज रेलवे स्टेशन (तत्कालीन इलाहाबाद जंक्शन) की स्थापना आज से 162 साल पहले 1859 में हुई थी हावड़ा-दिल्ली के बीच एकल ट्रैक और छोटी सी केबिन से हुई शुरुआत आज ए ग्रेड स्टेशन तक पहुंच गई है। कोयले वाले इंजन की जगह पर अब बिजली वाले इंजन की ट्रेने तेज गति से यहां गुजरती है
प्रयागराज जंक्शन की सिटी साइड स्थित रिजर्वेशन काउंटर के बाहर लगे इंजन में एक बार फिर चुप-चुप की आवाज आने शुरू हो गई रात होते हैं जहां इंजन की सीटी बजने लगती है वही उसके ऊपर से निकलता दोनों लोगों को पुराने दिनों की याद करने लगा है खास बात यह है कि इंजन की चूक चूक आवाज के साथ ही इसके पहिए भी एक ही स्थान पर लगातार घूमते दिखाई देते हैं।
लगभग 70 वर्ष से ज्यादा पुरानी सीजन से आने वाली छुक छुक की आवाज यहां यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही वही लोग इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुके हैं इस इंजन के साथ खूब सेल्फी भी ले रहे हैं।
वर्ष 2019 में कुंभ मेले के पूर्व ही तत्कालीन डीआरएम ने अमिताभ ने जंक्शन के प्रवेश द्वार पर खड़े इंजन को स्टार्ट करवाने की योजना बनाई थी। तब मंडल के इंजीनियरों की निगरानी में इसकी मरम्मत करवाया गया। इस इंजन को स्टार्ट करने के लिए इसमें एक खास मोटर लगाई गई तब यह हुआ था की हर रोज शाम को इंजन को स्टार्ट किया जाएगा ताकि लोग रेलवे की इतिहास से परिचित हो सके।
कुंभ के बाद इंजन को कुछ दिन स्टार्ट भी किया गया इसके बाद उसमें लगी मोटर में कुछ तकनीकी कमी आ गई। डीएआरएम हिमांशु बडौनी ने फिर इस इंजन को ठीक करवाया। इंजन के आगे एक सिग्नल लगाया गया।जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है।
25 फरवरी 1993 में रेल सेवा से बाहर किया गया था इंजन
जंक्शन की सिटी साइड में लगा भाप इंजन को 1953 में डब्ल्यू बी वैगनाल लिमिटेड ने बनाया था म। इसका मूल शेड गुजरात का गोधरा था। बताया जाता है 25 फरवरी 1993 इंजन रेल सेवा से बाहर किया गया, इसके बाद यह इंजन प्रयागराज लाया गया। यहां पहले इसे 1 अप्रैल 2003 को जंक्शन के सिटी शहर में लाकर खड़ा किया गया। फिर वर्ष 2018 में इसे भीतर लगा रिजर्वेशन काउंटर की बहार लगाया गया यह इंजन नरोगेज में चलता था तब रेलवे ने इसे 1. 61 लाख में खरीदा था। इसमें कुल 16 पहिए है इसकी कुल लंबाई 42 फिट है।
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